249 + Best Garibi Shayari in Hindi | गरीबी पर शायरी

गुनाह पेट का था शहर को चल दिए !!
मामला ये हुआ के घर से बेघर हो गए !!

अमीर के लिए ये दिन बस इतवार हैं !!
गरीब इंतज़ार कर रहा है सोमवार का !!

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तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!

बीमारी अमीर ला रहे है !!
लाठी गरीब खा रहे है !!

अमीरी मोहब्बत को इज्जत नही देती है !!
कभी गरीबों से इश्क़ करके जरूर देखना !!

क्या महल क्या शहर यंहा पे !!
अब रौनक से अटी हर बस्ती है !!

कैसे मुहब्बत करूँ बहुत गरीब हूँ साहब !!
लोग बिकते है और मैं खरीद नहीं पाता हूँ !!

खुदा के दिल को भी सुकून आता होगा !!
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा !!

रहीस जादे ही रहे होंगे जिन्हें अपनी मोहब्बत मिली !!
गरीब का प्यार तो अक्सर चौराहे पर ही नीलाम हो जाता है !!

आज कल गरीब सिर्फ
शब्दो में जिंदा रह गये है !!

Friendship Attitude Shayari | बेस्ट फ्रेंड कोट्स इन हिंदी

Garibi Shayari in Hindi

आजकल वो ही स्वस्थ है जो गरीब है !!
पैसे वाले लोग तो कोरोना के करीब है !!

शहर को तराशने गया था मैं अमीर था इतना !!
ग़रीब इतना कि अश्क़ बेचकर घर लौटना पड़ा !!

उसके प्रेम में मैं कुछ इस प्रकार से खो गया हूँ !!
लिखता तो हूँ पर शब्दों से गरीब से हो गया हूँ !!

अपने अमीरी का जरा हिस्सा गरीबों में बांट देना !!
जात-पात मत देखना जो मिले सबका साथ देना !!

यहां तो हर किसी की जिंदगी दांव पर लगी हैं !!
मिल जाए कोई असहाय तो जरा बढ़ा हाथ देना !!

भाई पैसे से गरीब हूं पर !!
दिल से बहुत आमिर हू जनाब !!

गरीबी गरीब को गरीब नहीं बनाती बल्कि !!
लोगों की गरीब सोच गरीब को गरीब बनाती है !!

माई बाप की जायदाद पर गुरूर करते हो !!
तुम्हें तो ग़रीब के घर होना था !!

इंसान गरीब नहीं होता साहेब !!
गरीब तो हमारी सोच है !!

गरीब की रोटियाँ छीन ली जाती है इत्ती सी बात पर !!
कि एक अमीर का बच्चा रोया था खिलौना मांग कर !!

Garibi Shayari

मिज़ाज हमेशा आलिशान गाडीसे उतरने वालों का होता हैं !!
भूल जाते हैं साहब उनका कामतो गरीबोंसे होकर होता है !!

मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना !!
हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरों के इलाज खातिर !!

अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी !!
जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है !!

घर में चूल्हा जल सके इसलिए कड़ी धूप में जलते देखा है !!
हाँ मैंने गरीब की सांस को गुब्बारों में बिकते देखा है !!

घर में चूल्हा जल सके इसलिए कड़ी धूप में जलते देखा है !!
हाँ मैंने गरीब की सांस को गुब्बारों में बिकते देखा है !!

गरीब लहरों पे पहरे बैठाय जाते हैं !!
समंदर की तलाशी कोई नही लेता !!

गरीब लहरों पे पहरे बैठाय जाते हैं !!
समंदर की तलाशी कोई नही लेता !!

ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया !!
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया !!

ऐ सियासत तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया !!
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया !!

जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए !!
यकीनन खुशिओं का ताल्लुक दौलत से नहीं होता !!

Gareeb in hindi

जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए !!
यकीनन खुशिओं का ताल्लुक दौलत से नहीं होता !!

तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!

तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है !!
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है !!

कैसे बनेगा अमीर वो हिसाब का कच्चा भिखारी !!
एक सिक्के के बदले जो बीस किमती दुआ देता हैं !!

कैसे बनेगा अमीर वो हिसाब का कच्चा भिखारी !!
एक सिक्के के बदले जो बीस किमती दुआ देता हैं !!

उन घरो में जहाँ मिट्टी कि घड़े रखते हैं !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रखते हैं !!

उन घरो में जहाँ मिट्टी कि घड़े रखते हैं !!
कद में छोटे मगर लोग बड़े रखते है !!

ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब !!
वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं !!

ये गंदगी तो महल वालों ने फैलाई है साहब !!
वरना गरीब तो सड़कों से थैलीयाँ तक उठा लेते हैं !!

वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं !!
आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं !!

Garib log

ड़ोली चाहे अमीर के घर से उठे चाहे गरीब के !!
चौखट एक बाप की ही सूनी होती है !!

ड़ोली चाहे अमीर के घर से उठे चाहे गरीब के !!
चौखट एक बाप की ही सूनी होती है !!

घटाएं आ चुकी हैं आसमां पे और दिन सुहाने हैं !!
मेरी मजबूरी तो देखो मुझे बारिश में भी काग़ज़ कमाने हैं !!

घटाएं आ चुकी हैं आसमां पे और दिन सुहाने हैं !!
मेरी मजबूरी तो देखो मुझे बारिश में भी काग़ज़ कमाने हैं !!

वो रोज रोज नहीं जलता साहब !!
मंदिर का दिया थोड़े ही है गरीब का चूल्हा है !!

वो रोज रोज नहीं जलता साहब !!
मंदिर का दिया थोड़े ही है गरीब का चूल्हा है !!

दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ !!
और एक गरीब सच लेकर शाम तक बैठा ही रहा !!

दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ !!
और एक गरीब सच लेकर शाम तक बैठा ही रहा !!

यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब !!
कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए !!

सहम उठते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ से !!
महलों कि आरजू ये हैं कि बरसात तेज हो !!

Family ke upar shayari

कैसे मुहब्बत करु बहुत गरीब हूँ साहब !!
लोग बिकते हैं और मैं खरीद नहीं पाता !!

चेहरा बता रहा था कि मारा हैं भूख ने !!
सक कर रहे थे के कुछ खा के मर गया !!

जो गरीबी में एक दिया भी न जला सका !!
एक अमीर का पटाखा उसका घर जला गया !!

गरीबों के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में !!
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बजारो में !!

अमीर की बेटी पार्लर में जितना दे आती है !!
उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती है !!

भटकती है हवस दिन-रात सोने की दुकानों पर !!
गरीबी कान छिदवाती है तिनके डाल देती है !!

रजाई की रुत गरीबी के आँगन में दस्तक देती है !!
जेब गरम रखने वाले ठण्ड से नहीं मरते !!

एै मौत ज़रा पहले आना गरीब के घर !!
कफ़न का खर्च दवाओं में निकल जाता है !!

छीन लेता हैं हर चीज़ मुझसे ये खुदा !!
क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब हैं !!

रोज शाम मैदान में बैठ ये कहते हुए एक बच्चा रोता था !!
हम गरीब है इसलिए हम गरीब का कोई दोस्त नहीं होता !!

masti shayari in hindi | मस्ती शायरी हिंदी

Garib dost

शाम को थक कर टूटे झोपड़ी में सो जाता हैं !!
वो मजदूर जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता हैं !!

अपने मेहमान को पलको पे बिठा लेती हैं !!
गरीबी जानती हैं घर में बिछौने कम हैं !!

हमने कुछ ऐसे भी गरीब देखे हैं !!
जिनके पास पैसों के अलावा कुछ भी नहीं !!

कमी लिबास की तन पर अजीब लगती है !!
अमीर बाप की बेटी गरीब लगती है !!

मैं कड़ी धूप में जलता हूँ इस यकीन के साथ !!
मैं जलुँगा तो मेरे घर में उजाले होगे !!

जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को !!
ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी दे !!

मजबूरीयाँ हावी हो जाएये जरुरी तो नहीं !!
थोड़े बहुत शैख तो गरीब भी रखती हैं !!

सुनो हम तो गरीब ही थे लेकिन !!
तुम्हें क्या कमी थी जो हमारा दिल ले गयी !!

यहा गरीब को मरने की जल्दी यूँ भी हैं !!
के कही कफन महंगा ना हो जाए !!

मैं गरीब का बच्चा था इसलिए भूखा रह गया !!
पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर के घर का था !!

Garib in hindi

बस एक बात का मतलब आज तक समझ नहीं आया !!
जो गरीब के हक के लिए लड़ते हैं वो अमिर कैसे बन जाते हैं !!

खुदा के दिल को भी सुकून आता होगा !!
जब कोई गरीब चेहरा मुस्कुराता होगा !!

यूँ गरीब कह कर खुद की तौहीन ना कर ऐ बंदे !!
गरीब तो वो लोग हैं जिनके पास ईमान नहीं है !!

कभी कपड़े के तन पर अजीब लगती हैं !!
अमीर बाप की बेटी गरीब लगती हैं !!

किस्मत को खराब बोलने वालो !!
कभी किसी गरीब के पास बैठ के पुछना जिंदगी क्या हैं !!

गरीब भूख से मरे तो अमीर आहो से मर जाए !!
इनसे जो बच गए वो झूठे रिवाजो से मर जाए !!

छुपाता था वो गरीब अपने भूख को गुरबत में !!
अब वो भी फकर से कहेगा मेरा रोजा हैं !!

यू न झाँका करो किसी गरीब के दिल में !!
के वहा हसरतें वेलिबास रहा करती है !!

धूप छांव ना देखने दी पेट ने मौसम के !!
संग तन डाल लेता हूं छोटा हूं साहेब !!
मगर पेट बड़ों के भी पाल लेता हूं !!

बड़ा बेदर्द है यह ज़माना मेरे दोस्तों !!
यहाँ किसी का दर्द नहीं देखते लोग !!
लेकिन दर्द की तस्वीर खींच लेते है लोग !!

Garibi in hindi

जिन्दगी महंगी और दौलत सस्ती है !!
गरीब की गरीबी का मजाक उड़ाने वाले !!
कुछ तो शर्म करो तुम उस खुदा के आगे !!

ये वो शब्द हैं जो होता हैं वो वही समझ सकता हैं !!
वरना गरीब का सिर्फ औऱ सिर्फ मतलब !!
आज के इस मतलबी दुनिया मे बस मज़ाक उड़ाने में होता हैं !!

शहरोंमेंमें मैंने कई शामियाने देखें हैं !!
हम तो गरीब है साहब !!
झोपड़ों में ख्वाब सजाएं बैठे हैं !!

गरीब का प्यार शायरी
माना वो गरीब है थोड़ी गन्दी उसकी बसती है !!
पर सच्ची मुहब्बत उसके ही दिल में बसती है !!

वो जिसकी रोशनी कच्चे घरों तक भी पहुँचती है !!
न वो सूरज निकलता है !!
न अपने दिन बदलते हैं !!

क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर !!
रहिसो ने आधी फेंक दी !!
गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी !!

ना जाने मेरा मज़हब क्या है !!
ना हिंदू हु ना मुसलमान
लोग मुझे गरीब कहते है !!

कुछ को रोशनी मे सुकून नही !!कोई अंधियारे मे पाता है !!
उस गरीब को एक ताजी रोटी भी नसिब नही !!
वो बासि भी आधी खा लेता है !!

गरीब होता है अमीर बहुत अमीर !!
दो रोटी न दे पाए किसी को वो होता है !!
गरीब बहुत गरीब !!

हैरत की निगाहों से मूझे देखने वालो !!
हैरत की निगाहों से मूझे देखने वालो !!
लगता है तुम ने कभी समुदर नहीं देखा !!

Saya shayari in hindi

इंसानो की बस्ती में यह केसा शोर है !!
अमीरों का घर भरा हुआ है !!
और गरीब भूखे पेट सो रहा है !!

पैसों की गरीबी अच्छी होती है !!
दिल की गरीबी से !!
तन्हाई अच्छी है मतलब की करीबी से !!

मेरे अंदर के अंगार को लोग राख समझ लेते है !!
मज़बूरी नहीं समझता कोई !!
मेरी गरीबी को लोग मज़ाक समझ लेते है !!

मेरे कपड़ो से ना कर मेरे किरदार का फैसला !!
तेरा वजूद मिट जायगा !!
मेरी हकीकत जानते जानते !!

एै मौत ज़रा जल्दी आना !!
गरीब के घर कफ़न का खर्चा !!
दवाओं में निकल जाता है !!

किस्मत को खराब बोलने वालों !!
कभी किसी गरीब के पास !!
बैठकर पूछना जिंदगी क्या है !!

अक्सर देखा हैं हमने !!
जो इंसान जेब से गरीब होता हैं !!
वो दिल का बड़ा अमीर होता हैं !!

मैं कड़ी धूप में जलता हूँ !!
इस यकीन के साथ !!
मैं जलुँगा तो मेरे घर में उजाले होगे !!

ना जाने मेरा मज़हब क्या है !!
ना हिंदू हु ना मुसलमान !!
लोग मुझे गरीब कहते हैं !!

अ़शक उनकी आँखों के करीब होते हैं !!
रिश्ते दर्द के जिसको होते हैं !!
दौलत अपने दिल की लुटा दी है जिसने !!
कोई कहते हैं कि वो गरीब होते हैं !!

Matlabi duniya status in hindi | मतलबी दुनिया स्टेटस

Grebe meaning in hindi

सुक्र है की मौत सबको आती है !!
वरना अमरी इस बात का भी !!
मजाक उड़ाते कि गरीब था !!
इसलिए मर गया !!

गरीब को गरीबी नहीं मारती है !!
मारती है अमीरों की असंवेदनशीलता !!
अमीरों का छल अमीरों का लालच !!
क्योंकि गरीब मरता नहीं है मारा जाता है !!

बात मरने की भी हो तो !!
कोई तौर नहीं देखता !!
गरीब गरीबी के सिवा !!
कोई दौर नहीं देखता !!

बहुत जल्दी सीख लेता हूँ !!
जिंदगी का सबक !!
गरीब बच्चा हूँ बात-बात पर !!
जिद नहीं करता !!

जीना तो सिर्फ अमीरों के !!
नसीब में होता हैं !!
गरीब तो बस मरने से पहले !!
हजारों बार मरता हैं !!

टूटी झोपड़ी में अपना !!
जीवन यापन करता है !!
गरीब जो शहर में अमीरो !!
के ऊंचे मकान बनाता है !!

अमीर की बेटी पार्लर में !!
जितना दे आती है !!
उतने में गरीब की बेटी अपने !!
ससुराल चली जाती है !!

गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है !!
इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है !!
चेहरे कई बेनकाब हो जायेंगे !!
ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है !!

भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें !!
उनके तो हालात ना पूछो तो अच्छा है !!
मज़बूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर !!
क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा है !!

खिलौना समझ कर खेलते जो रिश्तों से !!
उनके निजी जज्बात ना पूछो तो अच्छा है !!
बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके !!
कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है !!

Beti par shayari urdu

कही बेहतर है तेरी अमीरी से मुफसिली मेरी।
चंद सिक्के के ख़ातिर तू ने क्या नहीं खोया हैं !!
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास !!
पर तू ये बता कितनी राते चैन से सोया है !!

घटाएं आ चुकी हैं आसमां पे !!
और दिन सुहाने हैं !!
मेरी मजबूरी तो देखो मुझे !!
बारिश में भी काग़ज़ कमाने हैं !!

कभी आँसू तो कभी खुशी बेचीं !!
हम गरीबों ने बेकसी बेची !!
चंद सांसे खरीदने के लिए !!
रोज़ थोड़ी सी जिंदगी बेचीं !!

पेट की भूख ने जिंदगी के !!
हर एक रंग दिखा दिए !!
जो अपना बोझ उठा ना पाये !!
पेट की भूख ने पत्थर उठवा दिए !!

हजारों दोस्त बन जाते है !!
जब पैसा पास होता है !!
टूट जाता है गरीबी में !!
जो रिश्ता ख़ास होता है !!

ऐ जिंदगी इस गरीब !!
पर कुछ एहसान कर !!
जिंदगी का अगला !!
लम्हा मेरे नाम कर !!

गरीब हूं साहब मौसम !!
की हर मार को झेलता हूं !!
फिर भी जिंदगी का !!
हर खेल खेलता हूं !!

जिन बच्चो के सिर से !!
मां-बाप का हाथ उठ जाता है !!
उन्हे अक्सर गरीबी और !!
शोषण का साथ मिल जाता है !!

मोहब्बत हमारी किस्मत !!
में कहां साहब हम तो गरीब है !!
हमें सिर्फ हम दर्दीया मिलती है !!

आप जश्न के नशे में गिर पड़े थे !!
आज सुबह में मै कल रात की रोटी !!
ढूंढने निकला कचरे के ढेर में !!

Shayri com hindi

दिल को बड़ा सुकून आता है !!
किसी गरीब की सहायता करने !!
पर जब वह मुस्कुराता है !!

मेहमानो को अपने खुदा का दर्जा देती है !!
गरीब मेहमानो को खुद से !!
ज्यादा सम्मान और सत्कार देती है !!

लोग कहते है मैं बदनसीब हूं !!
पेट की भूख मिटाई नही जाती !!
इसलिए मैं गरीब हूं !!

मैंने दुनिया में झूठ और !!
फरेब करते देखा है !!
मैंने गरीब की आंखों में !!
सच को करीब से देखा है !!

मैंने फैक्ट्रियों में गरीब के बच्चो !!
को काम करते हुए देखा है !!
इनके सपनो और !!
अरमानो को टूटते हुए देखा है !!

टूटी झोपड़ी में अपना !!
जीवन यापन करता है !!
गरीब जो शहर में अमीरो !!
के ऊंचे मकान बनाता है !!

अमीर जेब वाले फितरत !!
से फकीर होते है !!
चंद रुपयों के मोहताज !!
उनके जमीर होते है !!

जिन अखबारो को तुम रद्दी !!
समझकर फेंका करते हो !!
कुछ बदनसीब नींद के लिए !!
उसको ही चुना करते है !!

किसने कहा कि गरीब !!
की कुटिया खाली है !!
उसकी बस छत आधी !!
और आसमा पूरा है !!

अक्सर कच्चे मकानो !!
मे पक्के इरादे पलते है !!
वह नंगे पांव होकर भी !!
जूतो से आगे चलते है !!

Shayari bataiye

फेका हुआ कचरा किसी की !!
ख्वाहिशो का सामान हो गया !!
कही था छप्पन भोग सजा !!
तो कही बेचारा भूखा ही सो गया !!

अमीरी तो खूब ऐश में है गरीब !!
के यहां अभी तंगहाली है !!
सूरज भैया थोड़ी तपिश बढ़ा दो !!
सर्दी का कहर अभी जारी है !!

खुदा से की गई सारी शिकायते !!
उस वक़्त मुझे बेमतलब सी लगी !!
जब वास्तविक जरुरतमंदो को मेने !!
खिलखिला कर हस्ते देखा !!

गरीब की किस्मत ही खोटी मिलती है !!
मेहनत के अनुसार आमदनी छोटी मिलती है !!
दिन भर खून पसीना एक करते है !!
तब जाकर रात को खाने में आधी रोटी मिलती है !!

भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें !!
उनके तो हालात न पूछो तो अच्छा है !!
मजबूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर !!
क्या लाई सौगात न पूछो तो अच्छा है !!

वो मंदिर का प्रसाद भी खाता है !!
वो गुरूद्वारे का लंगर भी खाता है !!
वो गरीब भूखा है साहब उसे !!
कहाँ मजहब समझे में आता है !!

लगता था जहां में सबसे अमीर था !!
जब तक तू करीब था !!
आज तूने ये भ्रम भी तोड़ दिया !!
मैं आज भी गरीब हूं मैं तब भी गरीब था !!

गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है !!
इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है !!
चेहरे कई बेनकाब हो जायेंगे !!
ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है !!

भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें !!
उनके तो हालात ना पूछो तो अच्छा है !!
मज़बूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर !!
क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा है !!

खिलौना समझ कर खेलते जो रिश्तों से !!
उनके निजी जज्बात ना पूछो तो अच्छा है !!
बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके !!
कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है !!

Bad Boy Status Quotes Shayari in Hindi | बैड बॉय स्टेटस

Gareeb log

खिलौना समझ कर खेलते जो रिश्तों से !!
उनके निजी जज्बात ना पूछो तो अच्छा है !!
बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके !!
कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है !!

कही बेहतर है तेरी अमीरी से मुफसिली मेरी !!
चंद सिक्के के ख़ातिर तू ने क्या नहीं खोया हैं !!
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास !!
पर तू ये बता कितनी राते चैन से सोया है !!

कही बेहतर है तेरी अमीरी से मुफसिली मेरी !!
चंद सिक्के के ख़ातिर तू ने क्या नहीं खोया हैं !!
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास !!
पर तू ये बता कितनी राते चैन से सोया है !!

कभी आँसू तो कभी खुशी बेचीं !!
हम गरीबों ने बेकसी बेची !!
चंद सांसे खरीदने के लिए !!
रोज़ थोड़ी सी जिंदगी बेचीं !!

कभी आँसू तो कभी खुशी बेचीं !!
हम गरीबों ने बेकसी बेची !!
चंद सांसे खरीदने के लिए !!
रोज़ थोड़ी सी जिंदगी बेचीं !!

गरीबी बन गई तश्हीर का सबब आमिर !!
जिसे भी देखो हमारी मिसाल देता है !!
जब भी मुझे जियारत करनी होती है !!
मै गरीब लोगो में बैठ आता हूं !!

पेट की भूख ने जिंदगी के !!
हर एक रंग दिखा दिए !!
जो अपना बोझ उठा ना पाये !!
पेट की भूख ने पत्थर उठवा दिए !!

आज इन खाली सड़कों ने बताया है !!
इंसा ने प्रकृति को कितना सताया है !!
जिनकी खता वो उड़कर चले आए !!
गरीब मीलो पैदल ही चला आया है !!

गरीब को गरीबी नहीं मारती है !!
मारती है अमीरों की असंवेदनशीलता !!
अमीरों का छल अमीरों का लालच !!
क्योंकि गरीब मरता नहीं है मारा जाता है !!

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