बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरूखी तेरी !!
फिर भी बेइम्तहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी !!
पहले सी बात न थी इश्क अब फीका था !!
अभी-अभी उन्होंने नजरअंदाजी का हुनर सीखा था !!
सुकून-ए-दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही !!
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे फ़ासला ही सही !!
काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह !!
और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह !!
तुम्हारी बेरूखी के बाद खुद से भी बेरूखी सी हो गई !!
मैं जिन्दगी से और जिन्दगी मुझसे अजनबी सी हो गई !!
आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई !!
उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई !!
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!
हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले !!
बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें !!
जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं !!
मतलब क्या हुआ बेरूखी का !!
है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का !!
उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा !!
बुझ गया वो चिराग कभी का !!
दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी !!
हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी !!
यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हमपर !!
हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी !!
Sharabi Shayari in Hindi | शराबी शायरी हिंदी
Mausam Shayari ih hindi
प्यार उनका हमसे भुलाया ना गया !!
उनके बाद कभी हमसे मुस्कुराया ना गया !!
उनकी तो बेरुखी में भी वो ऐडा थी ज़ालिम !!
की बेवफ़ा का इलज़ाम भी उनपे लगाया ना गया !!
काश वह समझते इस दिल की तड़प को !!
तो यूँ रुसवा ना किया होता !!
उनकी ये बेरूखी भी मंजूर थी हमें !!
बस एक बार हमें समझ लिया होता !!
तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे !!
मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे !!
वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे !!
अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे !!
कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने !!
कि लोग आप से तुम तक !!
और तुम से जान तक !!
फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं !!
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हम से !!
मिलना पड़ेगा आखिर कभी जरूर हम से !!
नजरें चुराने वाले ये बेरूखी है कैसी !!
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से !!
उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें !!
लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं !!
देख कर बेरूखी उनकी इस कदर आज !!
ना जाने क्यों आँखें हमारी नम हो गई !!
दरवाजें तो पहले ही बंद हो गये थे उनके !!
मगर अब तो खिड़कियाँ भी बंद हो गई !!
तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने !!
प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने !!
मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे !!
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने !!
अभी कमजोर हूँ !!
तो कमजोर ही रहने दो !!
यूँ बेरुखी से तो !!
मैं भी पत्थर हो जाऊँगा !!
उदास कयो होता है ऐ दिल !!
उनकी बेरुखी पर वो तो बङे लोग है !!
अपनी मर्जी से याद करते है !!
Mausam Shayari
आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो !!
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो !!
निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़ !!
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो !!
पहाड़ियों की तरह खामोश है !!
आज के संबंध और रिश्ते !!
जब तक हम न पुकारे !!
उधर से आवाज ही नहीं आती !!
अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का !!
दिल ही तो था भर गया होगा !!
इतनी बेरुखी दिखा कर के तुझे क्या मिलेगा !!
क्या तू रब है जो मरने के बाद मिलेगा !!
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा !!
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे !!
तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है !!
तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !!
मुझसे दुरिया बनाकर तो देखो !!
फिर पता चलेगा कितना नजदीक हू में !!
हमारी चाहत को आपने हमारी !!
बेरुखी बना दी क्या भूल थी !!
हमारी जो आपने यह सजा दे दी !!
Kya mohabbat hai kya nazara hai
कुछ बेरुखी से ही सही !!
पर देखते तो हो !!
ये आपकी नफरत है कि !!
एहसान आपका !!
सुकून ए दिल को नसीब !!
तेरी बेरुखी ही सही !!
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा !!
चाहे वो फ़ासला ही सही !!
हमारी बेरुखी अब इस कदर बढ़ गई है !!
तुमसे बात तो मुमकिन है !!
पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !!
जब-जब मुझे लगा मैं तेरे लिए खास हूँ !!
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया !!
मैं झूठी आस में हूँ !!
चाहते थे हम आपके अल्फाज बनना !!
पर आपने तो हमारी बेरुखी चुन ली !!
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ !!
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए !!
इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी !!
आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है !!
हज़ार शिकवे कई दिनों की बेरूखी !!
बस उनकी एक हँसी और सब रफा-दफा !!
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी !!
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी !!
कोई अनजान नहीं होता अपनी !!
बेरूखी और खताओं से !!
बस हौसला नहीं होता खुद को !!
कटघरे में लाने का !!
Manali mausam
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की !!
तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते !!
इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से !!
के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है !!
हजारों जवाब से अच्छी मेरी ख़ामोशी !!
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
तेरी ये बेरूखी किस काम की रह जायेगी !!
आ गया जिस रोज अपने दिल को समझाना मुझे !!
कुछ बेरुखी से ही सही !!
पर देखते तो हो ये आपकी !!
नफरत है कि एहसान आपका !!
भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी !!
हैं हम किसी की बेरूखी झेली पिघल !!
के फिर जमे हैं हम !!
आज देखी है हमनें भी !!
बेरुखी की इन्तेहाँ !!
हम पर नजर पड़ी तो !!
वो महफ़िल से उठ गए !!
तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है !!
तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !!
कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने ए दिल !!
लोग आप से तुम तुम से जान !!
और जान से अनजान हो जाते हैं !!
उनका गुरूर कम पड जाए ऐ-खुदा !!
मुझे मेरे इश्क़ में इतना गुरूर दे !!
वो नाम भी ले मेरा तो कदम लड़खड़ाये !!
ऐ-खुदा बेरुखी में उसे ऐसा सुरूर !!
Husband true love romantic shayari | हार्ट टच ट्रू लव हसबैंड वाइफ शायरी
Tere ishq ki deewangi
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने !!
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने !!
मत सोच के हम भूल गए है तुझे आज !!
भी खुदा से पहले याद किया है तुझे !!
सुकून ए दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही !!
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे वो फ़ासला ही सही !!
डर तो उसे भी होगा बिछुड़ने का मुझसे !!
मेरी बेरुख़ी से वो सहम क्यों नही जाता !!
ये तो अच्छा है कि दिल सिर्फ सुनता है !!
अगर कहीं बोलता होता तो क़यामत आजाती !!
अब इश्क में बेरुखी न दे मुझको !!
बेहद गुम़ा रहा है तेरे इश्क पे मुझको !!
इन बादलो का मिजाज मेरे महबूब सा है !!
कभी टूट कर बरसते है कभी बेरुखी से गुजर जाते हैं !!
अब शायद उसे किसी से मुहब्बत ज़ुरुर हो !!
मैं छीन लाया हूँ उस से उम्र भर की बेरुख़ी !!
तेरी सादगी का कमाल है मै इनायत समझ !!
बैठा तेरी बेरुखी भी चुप सी है मै मुहब्बत समझ बैठा !!
शिकायत न करना किसी से बेरुखी !!
की..इंसान की फितरत ही होती है !!
जो चीज़ पास हो उसकी कद्र नही करता !!
रहने दे अभी गुंजाइशें जरा अपनी !!
बेरुखी में इतना ना तोड़ मुझे कि !!
मैं किसी और से जुड़ जाऊँ !!
Ye mausam ki barish
जिंदगी क्यो इतनी बेरुखी कर रही है !!
हम कौन सा यहा बार-बार आने वाले है !!
तेरी बेरुखी मेरी आदतों में शामिल है !!
तू मोहब्बत से पेश आये तो अजीब लगताहै !!
रिश्तों में इतनी बेरुख़ी भी अच्छी नहीं हुज़ूर !!
देखना कहीं मनाने वाला ही ना रूठ जाए तुमसे !!
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता है !!
हम अपनी झील में एक चाँद उतराछोड़ आए हैं !!
लोगो की बेरुखी देखकर तो अब !!
हम खुश होते है आँसु तो तब आते है !!
जब कोइ प्यार के दो लफ्ज कहता है !!
दो चार लफ्ज प्यार के लेके मैं क्या करू !!
देनी है तो वफ़ा की मुकम्मल किताब दे !!
ज़रा तल्ख़ लहज़े में बात कर ज़रा बेरुख़ी से पेश आ !!
मैं इसी नज़र से तबाह हुआ हू मुझे देख न यूँ प्यार से !!
कोई रिश्ता जो न होता तो !!
तूं खफा भी न होता !!
फिर भी न जाने क्यों येँ बेरुखी !!
तेरी महोब्बत का पता देती हैं !!
तेरी बेरुखी में बहका हूं ना होश है !!
आज भी मुझे रख दे दिल पर हाथ !!
ज़रा पहचान जाऊं तुझे !!
तेरी बेरुखी है तो क्या हुआ !!
तेरी यादों का रुख आज भी मेरी तरफ !!
ही है !जब भी तन्हा देखती है मुझे !!
अपना समझकर बहलाने चली आती है !!
Sukoon village
मेरी खामोशियां गुस्सा बहुत भरा पड़ा !!
है दिमाग में इश्क जो बेहिसाब करता हूं उससे !!
उनकी बेरुखी हमें इतना दर्द दे रही हैं !!
की इस दर्द को सहने की क्षमता हमसे झिल नहीं रही है !!
गलती किसी और की लेकिन नाराज हमसे हुए बैठे है !!
मिलना तो दूर की बात हमारा फ़ोन तक नहीं उठा रहे है !!
उनसे कुछ इस कद्र महोब्बत हो गयी हैं !!
की उनकी बेरुखी भी हमें अच्छी लगने लगी है !!
इस दिल को तब सबसे ज्यादा दर्द होता है !!
जब कोई अपना ही इसे इग्नोर करता है !!
उनकी बेरुखी ने हमें इतना सताया है !!
की हर दिन हमने अपना तन्हा ही बिताया है !!
तेरी यादो का सिलसिला कभी ख़त्म ना होगा !!
तेरे जाने के बाद अब इस दिल को फिर किसी से इश्क़ ना होगा !!
काश एक बार मेरी बात समझ लेती वो !!
उसकी बेरुखी आज मेरे लिए इतनी बड़ी सजा ना बनती !!
कब जान से अनजान हो गए !!
उनकी बेरुखी के हम कुछ इस कद्र शिकार हो गए !!
वो रूठे है हमसे कुछ ऐसे !!
की अब दोबारा नहीं मिलना चाहते वो हमसे !!
Mausam baare jankari
तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने !!
प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने !!
मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे !!
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने !!
जख्म तो कई दिए जिंदगी ने मुझे लेकिन उतना !!
दर्द ना हुआ जितना दर्द तेरी बेरुखी ने दिया !!
अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का !!
दिल ही तो था भर गया होगा !!
अब कैसे समझाऊ इस दिल को !!
की अब वो वापस लौटकर नहीं आने वाले !!
पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और रिश्ते !!
जब तक हम न पुकारे उधर से आवाज ही नहीं आती !!
उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें !!
लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं !!
कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने !!
कि लोग आप से तुम तक और तुम से जान !!
तक फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं !!
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा !!
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे !!
उदास कयोँ होता है ऐ दिल उनकी बेरुखी पर !!
वो तो बङे लोग है अपनी मर्जी से याद करते है !!
ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी !!
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी !!
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है !!
कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी !!
Rishtey ghamand shayari | घमंड पर शायरी
Shimla mausam
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!
हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले
इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई !!
हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है !!
कुछ बेरुखी से ही सही पर देखते तो हो !!
ये आपकी नफरत है कि एहसान आपका !!
बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी !!
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं !!
तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है !!
तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !!
अगर जिंदगी में जुदाई न होती !!
तो कभी किसी की याद आई न होती !!
साथ ही गुज़रता हर लम्हा तो शायद !!
रिश्तों में यह गहराई न होती !!
छोटी सी जिंदगी है हंस के जियो !!
भुला के गम सारे दिल से जियो !!
उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जियो !!
अपने लिए न सही अपनों के लिए जियो !!
मेरे खुदा करम कर दे !!
तू ऐसा कर भी सकता है !!
मेरे हाथों की जानिब देख !!
इन्हें तू भर भी सकता है !!
सोचा नहीं अच्छा बुरा !!
देखा सुना कुछ भी नहीं !!
माँगा ख़ुदा से रात दिन !!
तेरे सिवा कुछ भी नहीं !!
यूंहि नहीं निकल रहें ये धुँआ सीने से !!
किसी कि यादे सुलग रहीं हैं मुद्दतो से !!
कोई समझाए और समझे भी !!
कोई ऐसे शख्स मिले जिंदगी में !!
Aaj mausam bada
सौ जन्म कुर्बान यह जन्म पाने के लिए !!
तुम संग जीने तुमबिन मर जाने के लिए !!
मेरे अपनो मैं भी कर जाती है तन्हा मुझे !!
इस क़दर सताती है याद तेरी !!
कभी फुर्सत मिले तो जरूर बता देना !!
कि वो कौन सी मोहब्बत थी जो मैं नही दे पाया !!
काश कोई ऐसी कहानी होती !!
जिसमे लड़का बेवफा और लड़की दीवानी होती !!
पत्थर तो बहुत मारे थे लोगों ने मुझे !!
लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा था !!
लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली !!
जाने कितनी ऊचाई पर भगवान रहता है !!
तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की !!
सबकुछ काबिले मरम्मत है ऐतबार के सिवा !!
क्या लिखूं आपकी सूरत में मेरे हमदम !!
अल्फाज खत्म हो गये आपकी सूरत देखकर !
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई !!
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई !!
Mausam mausam tha suhana bada
हमें मालूम था अन्जाम इश्क़ का लेकिन !!
जवानी जोश पर थी !!
ज़िन्दगी बर्बाद कर बैठे
हमे कहां मालुम था इश्क होता क्या है !!
बस एक तुम मिलें और जिन्दगी मुहब्बत बन गई !!
मेरी हर ख्वाइश में सिर्फ तुम होते हो !!
बस दर्द ये है कि सिर्फ ख्वाईशों में ही क्यों होते हो !!
सोच समझ कर किसी से दिल लगाना !!
क्यों की आसान नहीं होता उस इंसान को भूलना !!
इश्क़ का दिया जलता हैं इस सीने में !!
तू मिले न मिले ये दिया जलती रहेगा हमेशा के लिए !!
रोते-रोते थककर जैसे कोई बच्चा सो जाता है !!
हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है !!
मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनिया में !!
इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं !!
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है !!
शायद उन्होंने मेरा हदों से गुजरना नहीं देखा !!
न कभी कोई करे तुझ से तेरे जैसा सुलूक !!
हाथ उठते ही ये दुआ लब पे आती है !!
ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हैं !!
दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं !!
इतनी बद-सलूकी न कर ए जिंदगी !!
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले हैं !!
Pahadi captions for instagram
ज़िन्दगी है सो गुज़र रही है वरना !!
हमें गुज़रे तो ज़माने हुये !!
माथे को चूम लूँ मैं और उनकी जुल्फ़े बिखर जाये !!
इन लम्हों के इंतजार में कहीं जिंदगी न गुज़र जाये !!
इतनी बद-सलूकी न कर ए जिंदगी !!
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले हैं !!
ज़िन्दगी है सो गुज़र रही है वरना !!
हमें गुज़रे तो ज़माने हुये !!
बहुत थक गया था परवाह करते करते !!
जब से लापरवाह हुआ हु आराम सा है
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे !!
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला !!
कोई अनजान नहीं होता अपनी !!
बेरूखी और खताओं से !!
बस हौसला नहीं होता खुद को !!
कटघरे में लाने का !!
आज देखी है हमनें भी !!
बेरुखी की इन्तेहाँ !!
हम पर नजर पड़ी तो !!
वो महफ़िल से उठ गए !!
धोखा दे जाती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक हर !!
चमकते काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते !!
कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने !!
”ए दिल“ !!
लोग आप से तुम तुम से जान !!
और जान से अनजान हो जाते हैं !!
उनका गुरूर कम पड जाए ऐ-खुदा !!
मुझे मेरे इश्क़ में इतना गुरूर दे !!
वो नाम भी ले मेरा तो कदम लड़खड़ाये !!
ऐ-खुदा !!बेरुखी में उसे ऐसा सुरूर !!
Jabardast Attitude Shayari | जबरदस्त शायरी
Shairana si hai zindagi
तेरी बेरूखी ने ये क्या सिला दिया मुझे !!
ज़हर गम-ए-जुदाई का पिला दिया मुझे !!
बहुत रोया बहुत तड़पा कई रातों तक मैं !!
पर तुमने एक कतरा भी आँसू नहीं दिया मुझे !!
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने !!
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने !!
मत सोच के हम भूल गए है तुझे आज !!
भी खुदा से पहले याद किया है तुझे !!
ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास !!
टूटेगी !!कोई दरिया न ये समझे कि मेरी !!
प्यास टूटेगी !!तेरे वादे का तू जाने मेरा !!
वो ही इरादा है !!कि जिस दिन साँस टूटेगी !!
उसी दिन आस टूटेगी !!
ज़रा तल्ख़ लहज़े में बात कर ज़रा बेरुख़ी से पेश आ !!
मैं इसी नज़र से तबाह हुआ हू मुझे देख न यूँ प्यार से !!
फैसला हो जो भी मंजूर होना चाहिए !!
जंग हो या इश्क भरपूर होना चाहिए !!
महफिल की बेरुखी भी नहीं शान !!
भी नहीं मैं अजनबी नहीं मेरी पहचान भी नहीं !!
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता !!
है न हम अपनी झील में एक चाँद उतरा छोड़ आए हैं !!
लोगो की बेरुखी देखकर तो अब !!
हम खुश होते है !!आँसु तो तब आते है !!
जब कोइ प्यार के दो लफ्ज कहता है !
मेरी खामोशियां गुस्सा बहुत भरा पड़ा !!
है दिमाग में इश्क जो बेहिसाब करता हूं उससे !!
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली !!
बादाखाने की !!तुम आंखों से पिला !!
देते तो पैमाने कहाँ जाते !!
Hum chale baharon mein
हमारी बेरुखी अब इस कदर बढ़ गई है !!
तुमसे बात तो मुमकिन है !!
पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !!
हमारी चाहत को आपने हमारी !!
बेरुखी बना दी क्या भूल थी !!
हमारी जो आपने यह सजा दे दी !!
तेरी बेरुखी ने छीन ली है !!
शरारतें मेरी और लोग समझते हैं !!
कि मैं सुधर गया हूँ !!
जब-जब मुझे लगा मैं तेरे लिए खास हूँ !!
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया !!
मैं झूठी आस में हूँ !!
तेरी ये बेरूखी किस काम की रह जायेगी !!
आ गया जिस रोज अपने दिल को !!
समझाना मुझे !!
कुछ बेरुखी से ही सही !!
पर देखते तो हो ये आपकी !!
नफरत है कि एहसान आपका !!
कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने !!
कि लोग आप से तुम तक और तुम से जान तक !!
फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं !!
तेरी ये बेरुखी हमसे देखी नहीं जाएगी !!
अगर ऐसा ही चलता रहा तो कसम से !!
इस दिल की धड़कने ज्यादा दिन तक धड़क पाएंगी !!
भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी !!
हैं हम किसी की बेरूखी झेली पिघल !!
के फिर जमे हैं हम !!
बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी !!
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं !!
Shimla ka mausam
तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है !!
तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !!
तेरी बेरुखी में बहका हूं ना होश है !!
आज भी मुझे रख दे दिल पर हाथ !!
ज़रा पहचान जाऊं तुझे !!
सुकून ए दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही !!
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे वो फ़ासला ही सही !!
इन बादलो का मिजाज मेरे महबूब सा है !!
कभी टूट कर बरसते है कभी बेरुखी से गुजर जाते हैं !!
तेरी सादगी का कमाल है मै इनायत समझ !!
बैठा तेरी बेरुखी भी चुप सी है मै मुहब्बत समझ बैठा !!
शिकायत न करना किसी से बेरुखी !!
की !!इंसान की फितरत ही होती है !!
जो चीज़ पास हो उसकी कद्र नही करता !!
रहने दे अभी गुंजाइशें जरा अपनी !!
बेरुखी में इतना ना तोड़ मुझे कि !!
मैं किसी और से जुड़ जाऊँ !!
सिखा दी बेरुखी भी ज़ालिम ज़माने ने !!
तुम्हें कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो !!
मुख्तसर सी दिल्लगी से तो तेरी बेरुखी !!
अच्छी थी कम से कम ज़िंदा तो थे एक !!
कश्मकश के साथ !!
चुपके से हम ने भेजा था एक गुलाब उसे !!
खुशबू ने सारे शहर मैं तमाशा बना दिया !!
Mausam mastana
हासिल-ए-इश्क़ के बारे में सोंचता हूँ जब !!
भी तेरा मिलना याद आता है तेरी बेरुखी नहीं !!
सोचते है सीख ले हम भी बेरुखी करना !!
सब से सब को महोब्बत देते देते हमने !!
अपनी क़दर खो दी है !!
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता !!
है हम अपनी झील में एक चाँद उतरा छोड़ आए हैं !!
अब शायद उसे किसी से मुहब्बत ज़ुरुर हो !!
मैं छीन लाया हूँ उस से उम्र भर की बेरुख़ी !!
जख्म तो कई दिए जिंदगी ने मुझे लेकिन !!
उतना दर्द ना हुआ जितना दर्द तेरी बेरुखी ने दिया !!
पहले सी बात न थी !!इश्क अब फीका था !!
अभी-अभी उन्होंने नजरअंदाजी का हुनर सीखा था !!
सुकून-ए-दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही !!
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे फ़ासला ही सही !!
काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह !!
और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह !!
तुम्हारी बेरूखी के बाद खुद से भी बेरूखी सी हो गई !!
मैं जिन्दगी से और जिन्दगी मुझसे अजनबी सी हो गई
आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई !!
उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई !!
Navratri Shayari In Hindi | नवरात्रि स्वागत शायरी
Baarish lete aana lyrics
बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें !!
जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं !!
तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने !!
प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने !!
मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे !!
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने !!
अब गिला क्या करना उनकी !!
बेरुखी का दिल ही तो था भर गया होगा !!
अब कैसे समझाऊ इस दिल को !!
की अब वो वापस लौटकर नहीं आने वाले !!
पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और !!
रिश्ते जब तक हम न पुकारे उधर से आवाज ही नहीं आती !!
तेरी बेरुखी ने ये क्या कर दिया है !!
भीड़ में होते हुऐ भी तनहा कर दीया है !!
रिश्ता हम दोनो का जिंदगी भर निभाऊंगा !!
तेरी बेरुखी को मैं प्यार से तोड़ दूंगा !!
ये शाम भी आज बेरुख सी दिख रही है !!
तेरी आंखों में भी उदासी दिख रही है !!
हमें लगा आपको मोहब्बत है हमारी बातों से !!
पर आपकी चाह हमारी बेरुखी थी !!
तुम्हारी बेरुखी को हम !!
प्यार में बदल देंगे !!
तेरी मुसकुराहट के लिए !!
हम कुछ भी कर लेंगे !!
Bimari ki dua
तुमने हम से बात करना छोड़ दिया !!
इतनी बेरुखी भी ठीक नहीं !!
अब हम आपकी एक झलक भी ना देख पाए !!
अब इतनी भी नाराज़गी ठीक नहीं !!
हमारी चाहत को आपने !!
हमारी बेरुखी बना दी !!
क्या भूल थी हमारी !!
जो आपने यह सजा दे दी !!
हमारा खामोश रहना !!
आपको पसंद आ गया !!
शायद आपकी मोहब्बत !!
हमारी बेरुखी से थी !!
हमारी बेरुखी अब !!
इस कदर बढ़ गई है !!
तुमसे बात तो मुमकिन है !!
पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !!
हमें खामोश कर गई !!
आपकी बेरुखी !!
अब तो अल्फाज भी !!
खामोशी में तब्दील हो गए !!
तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे !!
मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे !!
वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे !!
अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे !!
ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी !!
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी !!
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है !!
कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी !!
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!
हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले !!
तेरी बेरूखी के बाद !!
खुद से नफ़रत सी हो गई है !!
ये भीड़ भरी दुनियां !!
अजनबी सी हो गई है !!
इश्क में कभी बेरूखी ना हो !!
कभी किसी में दूरियां ना हो !!
बड़ता रहे प्यार दोनो में इस कदर !!
के जिंदगी भर दोनों एक साथ हो !!
Manali ka mausam
तेरी बेरुखी अकसर उलझन दे जाती है !!
ना जाने कितने सवाल दे जाती है !!
नींद नहीं आती है रातों में हमे !!
करवट बदलते हुए बेरूखी की वजह ढूंढी जाती है !!
अगर बेरुखी है मुझ से !!
तो उसकी वजह तो बता !!
ये तेरा उदास चेहरा !!
अच्छा नहीं लगता !!
तेरी बेरुखी से अच्छी !!
तेरी बातें होती है !!
तेरे उदास होंठों की चुपी !!
मेरी जान ले लेती है !!
तू वक्त नहीं देती थीं !!
हम उसे तेरी बेरुखी समझ बैठे !!
तुम किसी और को देती थीं वक्त !!
और हम तेरे वापस आने की आस लगा बैठे !!
यू चुप ना बैठा करो !!
इतनी बेरुखी भी ठीक नहीं !!
तुम जब भी लड़ती हो मुझ से !!
तेरी आंखों में प्यार नज़र आता है !!
उनकी बेरुखी देख कर !!
हम खुद में गलती ढूंढने लगे !!
हम उसे मनाने की कोशिश में थे !!
वो किसी और से दिल लगाने लगे !!
कोई हकीम का नुस्खा !!
कोई तोड़ नहीं मिल रहा है !!
उनकी बेरुखी का मुझे !!
कोई इलाज़ नहीं मिल रहा है !!
दूर जाकर हम से सुकुन कहा पाओगे !!
रात दिन यूंही तड़पते रहे जाओगे !!
अपनी बेरुखी इस तरह ना दिखाया करो !!
वरना हमे देखने को तरस जाओगे !!
तुमने हम से बात करना छोड़ दिया !!
इतनी बेरुखी भी ठीक नहीं !!
अब हम आपकी एक झलक भी ना देख पाए !!
अब इतनी भी नाराज़गी ठीक नहीं !!
गलतियां करती हो खुद !!
खुद ही बेरुखी दिखाते हो !!
इल्जाम हम पर लगाकर !!
खुद शरीफ़ बन जाते हो !!
Gali shayari in Hindi | गाली देने वाली शायरी फोटो
Hum chale baharon me
कोई रिश्ता जो न होता तो !!
तूं खफा भी न होता !!
फिर भी न जाने क्यों येँ बेरुखी !!
तेरी महोब्बत का पता देती हैं !!
तेरी बेरुखी है तो क्या हुआ !!
तेरी यादों का रुख आज भी मेरी तरफ !!
ही है !!जब भी तन्हा देखती है मुझे !!
अपना समझकर बहलाने चली आती है !!
इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी !!
है !!तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी !!
है !!अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी !!
अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है !!
फेर कर मुंह आप मेरे सामने से क्या गये !!
मेरे जितने क़हक़हे थे आंसुओं तक आ !!
गये भला ऐसी भी सनम आख़िर बेरुख़ी है !!
क्या न देखोगे हमारी बेबसी क्या !!
देखो ये बेरुखी प्यार की अदाएं !!
बेक़रार दिल को और बेक़रार करती है !!
हसरतों के दीप जल तो रहें हैं !!
मचलने को रोशनी !! तेरा इंतज़ार करती है !
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!
हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले !!
मतलब क्या हुआ बेरूखी का !!
है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का !!
उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा !!
बुझ गया वो चिराग कभी का !!